मां विंध्यवासिनी मन्दिर-
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में स्थित, काशी विश्वनाथ मंदिर का कॉरीडोर अभी बनकर तैयार हुआ ही था कि अगले मन्दिर के कॉरीडोर का निर्माण प्रारंभ हो गया है। पूर्वी उत्तरप्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थित माता विंध्यवासिनी का मंदिर एक अलौकिक शक्ति प्रतीक है, भक्तगण यहां पर आकर एक अपार शक्ति और असीम शांति की अनुभूति करते हैं।
मान्यता है कि, मां आदिशक्ति यहां पूर्ण रूप में विराजमान है और यह शक्ति के पूरे विग्रह में दर्शन देती हैं। देवी विंध्यवासिनी उनका नाम, उनके विंध्य पर्वत में निवास करने के लिए पड़ा।
कॉरिडोर का निर्माण हुआ प्रारंभ
मंदिर परिसर में जब लाखों की संख्या में दर्शनार्थी माता के दर्शन करने आते हैं, मन्दिर परिसर काफी सकरा और कम जगह होने से उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, मन्दिर के व्यवस्थापक और उत्तर प्रदेश सरकार इन्हीं असुविधाओं को देखते हुए, मन्दिर परिसर का विस्तार करने का और एक भव्य कॉरिडोर के निर्माण कराने का निर्णय लिया, इस कॉरिडोर का नाम विंध्य कॉरिडोर पड़ा जिसका कार्य अभी भी प्रगति पर है।
इस कॉरिडोर के निर्माण के लिए कुल 330 करोड़ का बजट प्रस्तावित हुआ है। अब दर्शनार्थी कॉरिडोर से ही मन्दिर की परिक्रमा कर सकते है तथा मंदिर के कॉरिडोर के ऊपर मुंडन स्थल बनाया गया है। इस कॉरिडोर में कुल चार द्वार बनाए गए हैं जिसमें एक द्वार गंगा नदी को तरफ जाता है, मंदिर परिसर में ही एक हवन कुंड का निर्माण कराया गया है।
माता के दरबार को जोड़ने वाली सारी सड़कों का चौड़ीकरण भी हुआ है तथा मंदिर परिसर को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है, अग्निशमन यंत्र, श्रद्धालुओं के लिए फर्श पर कालीन बिछाया गया है तथा निःशुल्क जूता चप्पल रखने को सुविधा भी मंदिर परिसर में ही कराया गया है।
मन्दिर तक कैसे पहुंचे-
मां विंध्यवासिनी का मंदिर मिर्जापुर रेलवे स्टेशन से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है तथा प्रयागराज से यह मंदिर 83 किलोमीटर की दूरी पर तथा वाराणसी से यह मंदिर 63 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।